नमस्कार…पाजिटिव इंडिया की उम्मीदों और सकारात्मक सोच की दुनिया में आपका स्वागत है। हम हिंदुस्तानियों की एक कमजोरी है या फिर यूं कह लीजिए कि हम धारणाओं में जीने वाले लोग हैं। ऐसी ही एक ...
वो लौ बार बार जलती थी और हर बार हवा का झोंका उसे बुझा देता था। बावजूद उस लौ ने जलना नहीं छोड़ा और आज ये एक बड़े बदलाव की लौ बन चुकी है। सोशियो ...
जिंदगी की वो शाम जो ढलती जा रही है, वो पड़ाव जब जब हाथ-पैर खुद का सहारा नहीं बन पाते और जिंदगी खुद एक बोझ बन जाती है, तब जरूरत होती है किसी के सहारे ...
कहते हैं जो बेचैन है, वही जीवित है और जो जीवित है वो कुछ न कुछ तो जरूर करेगा। यह कुछ न कुछ ही एक दिन बड़ा रूप ले लेता है। किसी स्टार्टअप के लिए ...
स्टार्टअप के इस जमाने में दुनिया काफी आगे निकल चुकी है, लगभग सभी क्षेत्रों में नए-नए और अनोखे कारनामे हो रहे हैं। देश के छोटे-छोटे शहरों से बड़े टैलेंट निकल कर सामने आ रहे हैं और ...
कहते हैं वर्दी की न कोई जात होती है और न ही कोई धर्म या फिर यूं कह लीजिए कि फर्ज से बढ़कर वर्दी के लिए कोई धर्म नहीं होता। आज हम आपको एक ऐसे ...
ठंड का मौसम था। सर्द हवाएं चल रही थीं, मगर पढ़ना भी जरूरी था। ऊपर से सरकारी स्कूल, जहां न ढंग से बैठने की व्यवस्था न कोई सुविधा। फिर भी अपने भविष्य को संवारने के ...
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