अगस्त में नैरोबी में आयोजित अंडर-20 वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में लांग जम्प में इंडिया की यंग सेंसेशन 17 साल की शैली सिंह ने सिल्वर मेडल जीतकर एक नया इतिहास रचा। भारत की तरफ से इस प्रतियोगिता में महिला वर्ग में पहली बार शैली ने पदक जीतने का कमाल कर दिखाया।
उत्तरप्रदेश के झांसी के बेहद छोटे से गांव पारीछा से ताल्लुक रखने वाली शैली सिंह गरीबी में पली बढ़ीं। अपनी जिंदगी में मुफलिसी के तमाम रंग देखे लेकिन कभी मुश्किलों के सामने घुटने नहीं टेके। अपनी मेहनत और मजबूत इरादों के दम पर उन्होंने एक नया इतिहास रचा है।
जिस तरह शैली का ये मेडल देश के लिए बेहद खास है, उसी तरह उनके संघर्ष की दास्तां भी बेहद इंस्पायरिंग है। जो देश के हर नौजवान को मुश्किल परिस्थितियों में भी आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है। झांसी से ताल्लुक रखने वाली 17 साल की शैली ने गरीबी, मुफलिसी, पारिवारिक मुसीबतों और अनगिनत अड़चनों को मात देकर आज देश का नाम पूरी दुनिया में रोशन किया है।
शैली की मां विनीता सिंह सिंगल मदर हैं। घर की आर्थित स्थिति बेहद खराब होने के बावजूद उन्होंने शैली को स्पोर्ट्स में करियर बनाने के लिए प्रोत्साहित किया। सिलाई का काम करने वाली विनीता सिंह ने शैली समेत अपनी तीन बेटियों और एक बेटे को अकेले पाला है। उनका परिवार आर्थिक तंगियों से जूझता रहा है। यहां तक कि शैली के पास पहनने के लिए स्पाइक्स शूज तक नहीं होते थे लेकिन मां ने कभी अपनी बेटी को हताश नहीं होने दिया।
शैली का लखनऊ स्थित स्पोर्टस हॉस्टल में चयन हो गया था लेकिन उन्हें बड़ा ब्रेक मिला, अंजू बॉबी जॉर्ज के पति रॉबर्ट बॉबी जॉर्ज की नजर में आने के बाद। रॉबर्ट ने पहली झलक में ही शैली के अंदर छिपी प्रतिभा को पहचान लिया था। साल 2017 में शैली जब 14 साल की थीं, तब विजयवाड़ा में नेशनल जूनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप हुई। रॉबर्ट भी वहां मौजूद थे। शैली उस प्रतियोगिता में कोई पदक तो नहीं जीत पाईं लेकिन रॉबर्ट को पता चल गया था कि झांसी की इस रानी में कुछ खास है।
शैली कई बार जूनियर लेवल पर नेशनल रिकॉर्ड तोड़ चुकी हैं। वो अंडर-18 कैटेगरी में वर्ल्ड नंबर-1 लॉन्ग जंपर हैं। अंजू बॉबी जॉर्ज का मानना है कि शैली आने वाले दिनों में उनका रिकॉर्ड भी तोड़ेंगी और देश के लिए ओलिंपिक में मेडल भी जीतेंगी।
रॉबर्ट ने शैली को बेंगलुरू स्थित अंजू बॉबी जॉर्ज एकेडमी ट्रेनिंग के लिए बुलाया। शुरूआत में शैली की मां इसके लिए तैयार नहीं थी लेकिन रॉबर्ट ने उन्हें समझाया कि उनकी बेटी एक चैंपियन एथलीट बन सकती है, बस जरूरत है तो अच्छी ट्रेनिंग की। आखिरकार विनीता सिंह भी राजी हो गईं और शैली ने रॉबर्ट जॉर्ज से कोचिंग लेना शुरू किया।