मुश्किल वक्त में इंसानियत की नई इबारत लिखती इंदौर ट्रैफिक पुलिस
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आमतौर पर शहर की बिगड़ी ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त करने वाली इंदौर की ट्रैफिक पुलिस इन दिनों एक अलग ही अवतार में नजर आ रही है। यह रूप है मदद का, मानवता का। जी हां कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप और मौत के आंकड़ों से जनता में खौफ है। लिहाजा लोग एक-दूसरे के पास आने से भी परहेज कर रहे हैं। ऐसे में बेबस, बेसहारा और असहाय लोगों की मदद का बीड़ा उठा इंदौर की यातायात पुलिस ड्यूटी के साथ-साथ इंसानियत का फर्ज भी बखूबी निभा रही है।
एक तरफ पूरा देश कोरोना की दूसरी लहर से कराह रहा है, तो दूसरी तरफ सरकारी बदइंतजामी जनता के जख्मों को भरने की बजाए उसे नासूर बना रही है। हर तरफ हाहाकार मचा हुआ है, निगेटिव खबरें हौंसलों को पस्त कर जिंदगी को और निराश करती जा रही हैं। लेकिन संकट की इस घड़ी में तमाम चुनौतियों के बीच कुछ ऐसी तस्वीरें भी सामने आ रही हैं जो हौंसला देती हैं और उम्मीदें भी।
किसी ऑक्सीजन सिलेंडर की तरह महामारी के इस मुश्किल दौर में उदास सी जिंदगी को नई उम्मीद देती ऐसी ही एक तस्वीर देखने को मिली इंदौर में। जहां परदेशीपुरा इलाके में रहने वाला एक पूरा परिवार कोरोना की चपेट में आ गया। परिवार के चारों संक्रमित सदस्यों की हालत लगातार बिगड़ते जा रही थी। संकट की इस घड़ी में मदद करने की बजाए संक्रमण के डर से पड़ोसियों ने भी पूरी तरह दूरी बना ली और कोरोना से पीड़ित पूरे परिवार के सामने भोजन तक का संकट खड़ा हो गया।
कहते हैं मुसीबत में जो साथ खड़ा है वही इंसान सबसे बड़ा है, और इस बात को सच साबित करके दिखाया है इंदौर ट्रैफिक पुलिस ने। दरअसल इंदौर यातायात पुलिस के जवानों को जब कोरोना से संक्रमित परिवार को हो रही दिक्कतों के बारे में पता चला तो उनसे रहा नहीं गया और उन्होंने फौरन ही उस परिवार की मदद का फैसला लिया। फिर क्या था शहर के ट्रैफिक को संभालने वाले जवानों ने स्थानीय लोगों की मदद से खुद खाना तैयार किया और ट्रैफिक पुलिसकर्मी रणजीत सिंह ने ये खाना पीड़ित परिवार को उनके घर जाकर दिया।
इंदौर ट्रैफिक पुलिस का ये मानवीय चेहरा देखने के बाद हर कोई उनके इस जज्बे को सलाम कर रहा है तो वहीं ट्रैफिक पुलिसकर्मी भी जरूरतमंदों तक भोजन पहुंचाने की अपनी इस मुहिम को लगातार जारी रखे हुए हैं। वाकई इंदौर यातायात पुलिस वर्दी की जिम्मेदारी निभाने के साथ-साथ अपना सामाजिक उत्तरदायित्व भी बखूबी निभा रही है। इन्होंने जो एक छोटी सी उम्मीद की किरण अपने आस-पास के लोगों में जगाई है, यकीनन उसकी रोशनी बहुत दूर तक फैलेगी और न सिर्फ लोगों के मन में पुलिस की छवि बदलने में सहायक होगी बल्कि खाकी का मान भी बढ़ाएगी। पॉजिटिव इंडिया उनके इस सराहनीय कदम को तहे दिल से सलाम करता है।