आज की भागम भाग भरी जिंदगी में जहां इंसानों के पास खुद के लिए ही वक्त नहीं बचा है, ऐसे में दूसरों की तकलीफों की फिक्र किसे होगी? मगर आज के इस मतलबी दौर में भी कुछ ऐसे बिरले लोग हैं जो इंसानियत के वजूद को अपने नेकदिली सी महफूज करने में जुटे हुए हैं।
प्रकृति प्रेमी शुभ्रा बच्चों की तरह लव बर्ड, कॉकटेल और ऑस्ट्रेलियन बर्ड को दुलार करती हैं। घर या आसपास कोई पक्षी कभी घायल या तकलीफ में हो तो पूरा इलाज करती हैं। घर में मिनी मेडिकल ट्रीटमेंट की सुविधा है। मौसम के अनुरूप उनके रहने और खाने की अच्छी व्यवस्था करती हैं। पक्षी जब बड़े हो जाते हैं तब उन्हें वातावरण के अनुकूल जगहों पर छोड़ देती हैं, जिससे वो स्वतंत्र रूप से अपना जीवन व्यतीत कर सकें। वो अब तक 980 पक्षियों को मनियारी, कोटा व अचानकमार के जंगल में छोड़ चुकी हैं। इस समय 300 से ज्यादा पक्षी उनके घर में हैं। हर महीने उनकी देखरेख में 15 से 20 हजार रुपये खर्च करती हैं। साथ सभी लोगों को पक्षियों को किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचाने और उनकी देखरेख करने का आग्रह करती हैं।
पक्षियों के प्रति शुभ्रा का यह लगाव कब और कैसे शुरू हुआ इसके बारे में वो बताती हैं कि साल 2009 में एक दुकानदार के पास लव बर्ड के जोड़े बिक रहे थे। गर्मी से पक्षी जोर-जोर से चहचहा रहे थे। दुकानदार को उन पक्षियों पर जरा भी तरस नहीं आ रहा था। तब मैंने दुकानदार से सभी पांच जोड़े खरीद लिए, लेकिन दो दिनों के भीतर चार जोड़ों ने दम तोड़ दिया। कुछ समझ नहीं आया कि क्या करूं। रातभर जागती रही। इसके बाद इंटरनेट पर लव बर्ड के रहन- सहन और खाने-पीने की चीजों के बारे में जाना। पति एसके मुखर्जी के सहयोग से पक्षियों के लिए घर पर ही घरौंदा तैयार किया। शुभ्रा कहती हैं कि उन्होंने बेहद समान्य तापमान वाले घरौंदे में पक्षियों को पालने का बीड़ा उठाया है। आज हालात ये हैं कि उस एक जोड़े से पक्षियों के 700 से अधिक जोड़े हो गए हैं। इस काम में उनकी सास झरना मुखर्जी भी बराबर साथ देती हैं।