आज के हाईटेक जमाने में अगर महंगाई से भी महंगी कोई चीज है तो वो है ‘इंसानियत’,जो ईद के चांद की तरह कभी-कभार ही देखने को मिलती है। लेकिन इन दिनों रंगीन सपनों के शहर कहे जाने वाले इंदौर में दो वर्दीवालों की इंसानियत की खूब चर्चा है।
एसआई अनिला पराशर बेहद सावधानी के साथ मासूम को न सिर्फ अस्पताल तक पहुंचाती हैं बल्कि जब बच्ची को अस्पताल से इंदौर के चाइल्ड लाइन द्वारा संचालित छाया केंद्र पर लाया जाता है तब भी अनिला उसकी मां की भूमिका निभाती हैं।
इस पूरे घटनाक्रम में सबसे दिलचस्प बात ये है कि जिस कॉलोनी के पास बच्ची पड़ी मिली, उस कॉलोनी का नाम डिसेंट कॉलोनी है। किसी का नाम डिसेंट,इनोसेंट ,लिबरल रख लेने मात्र से आप वैसे नहीं हो जाते। उसके लिए आपको अनिला होना पड़ेगा। खाकी का मान बढ़ाने वाली इस महिला एसआई को पॉजिटिव इंडिया सलाम करता है।