कहते हैं वर्दी की न कोई जात होती है और न ही कोई धर्म या फिर यूं कह लीजिए कि फर्ज से बढ़कर वर्दी के लिए कोई धर्म नहीं होता। आज हम आपको एक ऐसे ही जांबाज से रूबरू कराने जा रहे हैं जिसने फर्ज को धर्म बनाकर अपने काम के जरिए पूरे पुलिस महकमे का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है।
यूपी पुलिस अपने लेटलतीफी और फेंक एनकाउंटर के नाम से जानी जाती है। शायद यही वजह है कि यूपी पुलिस हमेशा सुर्खियों में बनी रहती है। लेकिन एक पैमाने पर मापना हमेशा ठीक नही होता है। क्योंकि इसी महकमे के कुछ पुलिसकर्मियों ने एक ऐसी मिसाल पेश की है, जो मानवता और इंसानियत को तो दर्शाती ही है साथ ही जनता में खाकी के प्रति सम्मान की भावना भी पैदा करती है। जी हां हम बात कर रहे हैं उत्तरप्रदेश के रायबरेली की, जहां सीओ डलमऊ विनीत सिंह लगातार अपने सामाजिक और साहसिक कार्यों के जरिए खाकी का मान बढ़ा रहे हैं। इसी सिलसिले में सीओ उन्होनें ऊंचाहार थाना में मेडिकल कैम्प लगवाया जहां 500 से ज्यादा लोगों के स्वास्थ्य की जांच की गई। सबसे बड़ी बात यह है कि इस मेडिकल कैंप से शहर के लोगो को निः शुल्क फायदा मिल रहा है।
इतना ही नहीं बीते 11 जून को सीओ विनीत सिंह ने कौमी एकता की मिसाल पेश करते हुए मुस्लिम समुदाय के लोगो के लिए रोज़ा इफ़्तार भी करवाया था जिसकी सभी धर्म विशेष के लोंगो ने सराहना भी की। रायबरेली डलमऊ सीओ विनीत सिंह पुलिसिंग के साथ सामाजिक कार्य भी करते हैं और इन नेक कामों के लिए अपने वेतन से पैसा खर्च करने में गुरेज नहीं करते हैं। सबसे खास बात यह है कि इनके सर्किल में कोई भी केस पेंडिंग नही रहता। इतना ही नहीं, किसी भी मामले में सबसे पहले रिस्पांस देने वाले ऑफिसर बनकर सामने आते हैं। जिसके चलते ये जनता के बीच काफी विश्वास पात्र अधिकारी के तौर पर देखे जाते हैं।
हाल ही में सुल्तानपुर के कूरेभार थाना क्षेत्र में एक सड़क दुर्घटना हुई थी, जहां एक ट्रक की टक्कर से सवारियों से लदी बोलेरो गाड़ी पलट गई थी। इस दौरान भी घायलों की मदद के लिए यूपी पुलिस का ये जाबांज सबसे पहले आगे आया। दरअसल दुर्घटना के बाद जब जाम की स्थिति बनने लगी तभी फैजाबाद से मुख्यमंत्री की सुरक्षा से ड्यूटी कर वापस आ रहे रायबरेली जनपद में तैनात सीओ विनीत कुमार सिंह भी मौके पर पहुंच गए। भीड़-भाड़ देख सीओ विनीत सिंह जब गाड़ी से उतरे तो देखा कि बोलेरो पलटी पड़ी थी। सीओ ने तुंरत किसी तरह बोलेरो का दरवाजा खोलकर घायलों को बाहर निकाला और फिर खुद उन्हें फौरन अस्पताल तक लेकर गए। आखिरकार विनीत सिंह की सक्रियता के चलते 5 घायलों की जान बच सकी।
जब सीओ विनीत कुमार सिंह घायलों की मदद कर रहे थे तब आसपास के दुकानदार और नागरिक हतप्रभ थे। सबके मुंह पर इसी बात की चर्चा थी कि यहां तो सीओ साहब दूसरे थे, ये आज अचानक कौन बिना हिचक के पलटी बोलेरो सीधी कराने में जुटा हुआ है। सीओ के इस कार्य को लेकर लोगों ने पुलिस की प्रशंसा भी की।
एक दिन विनीत सिंह रोज की तरह अपने काम पर थे तभी अचानक घर से मां का फोन आया कि पिताजी का एक्सीडेंट हो गया है। विनीत घर की तरफ जैसे ही कदम बढ़ाते हैं उन्हें किसी दूसरे हादसे की सूचना मिलती है। लिहाजा उन्होंने घर जाकर अपनी जिम्मेदारी निभाने से पहले फर्ज को अहमियत दी और अपने कदम दूसरी ओर मोड़ लिए।
इससे पहले भी विनीत अपनी बहादुरी को लेकर चर्चा में रह चुके हैं। चित्रकूट जनपद में सीओ रहते हुए डकैतों से मुठभेड़ के दौरान उन्होंने कई खूंखार डकैतों को तो दबोचा ही था साथ ही उनके पास से AK- 47 जैसे हथियार भी बरामद किए थे। जिसके लिए उन्हें डीजीपी से कमांडेशन डिस्क भी प्रदान की जा चुकी है।
वाकई विनीत सिंह जैसे पुलिस अफसर की वजह से ही आज पुलिस विभाग की छवि और ज्यादा सुधरती नजर आती है। हमे नाज़ है सर आप पर और आपकी खाकी पर।