कहते हैं छोटी-छोटी घटनाएं भी जिंदगी में बड़ा असर छोड़ती हैं। कई बार तो यही छोटी घटनाएं जिंदगी की पूरी दशा-दिशा बदलकर कुछ अलग और अद्वितीय करने का रास्ता दिखा देती हैं। हमारी आज की कहानी भी एक ऐसी ही अद्वितीय घटना से शुरू होती है, जहां हमारी कहानी का किरदार जिंदगी की छोटी-मोटी तकलीफों से जूझते हुए,परेशानियों के सफर में भटकते हुए कामयाबी की एक ऐसी दुनिया में पहुंच जाता है जो न सिर्फ हमारे लिए बल्कि उसके लिए भी कल्पनाओं से परे थी।
हाउसिंड डॉट काम की कल्पना ऐसी ही छोटी-छोटी घटनाओं के क्रम में हुई थी। नए शहर में रहने के लिए किराए पर मकान ढूंढ रहे लोगों के बीच बेहद मशहूर इस वेबसाइट की शुरूआत की कहानी भी बेहद दिलचस्प है। IIT मुंबई से पढ़ाई पूरी कर मायानगरी में रहने के लिए किराए के मकान तलाश रहे युवकों को काफी तकलीफों का सामना करना पड़ता हैऔर इन्हीं दिक्कतों का नजीता आगे जाकर HOUSING.COM की अपार सफलता के रूप में सामने आता है। क्योंकि जब महानगरी में रहने के लिए घर नहीं मिलता तो कुछ युवा मिलकर HOUSING.COM नाम से अपनी एक वेबसाइट बना लेते हैं जो आगे जाकर कई लोगों के लिए वरदान साबित होती है। देखते ही देखते वेबसाइट इतनी लोकप्रिय हो जाती है कि एक ही दिन में लाखों लोग इस वेबसाइट पर आने लगते हैं और उन युवाओं को करोड़ों की कमाई होती है।
हाउसिंग डॉट काम की शुरूआत में जम्मू के रहने वाले अद्वतीय शर्मा और आईईटी मुंबई में उनके सहपाठी रहे राहुल की अहम भूमिका रही है।
कालेज की पढ़ाई के दौरान ही अद्वितीय का कैंपस प्लेसमेंट में सलेक्शन हो गया और उन्हें मुंबई में ही नौकरी मिल गई। लेकिन प्लेसमेंट के बाद अद्वितीय को कॉलेज का हॉस्टल छोड़ना पड़ा और शुरू हुआ महानगरी में किराए के नए मकान ढूंढने का सिलसिला। किराये का मकान ढूंढते-ढूंढ़ते ही अद्वितीय की ज़िंदगी बदल गयी। ज़िंदगी को नई दिशा मिली। ज़िंदगी के मायने भी बदले। कारोबार का नया नज़रिया मिला और लोगों की मदद करने का रास्ता भी नज़र आया।
अद्वितीय के लिए मुंबई में किराए का मकान तलाशना बेहद मुश्किल काम बन गया। वे कई जगह गए, शहर का चप्पा-चप्पा छान मारा लेकिन वो नहीं मिला जिसकी तलाश थी। पसीना खूब बहा , मेहनत खूब लगी , समय भी बहुत खराब हुआ लेकिन मकान नहीं मिला। मकान की खोज में अद्वितीय ने एक ऑनलाइन रियल एस्टेट फर्म से भी मदद ली, लेकिन बात नहीं बनी। मकान की खोज में पेश आयी दिक्कतों ने अद्वितीय के मन में एक नए विचार को जन्म दिया। यही विचार कारोबार की शुरुआत की वजह बना।
अब अद्वितीय अच्छी तरह से समझ गए थे कि लोगों को मकान ढूंढने में कितनी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। किस तरह लोग रियल एस्टेट के कुछ कारोबारियों और दलालों के हाथों शोषण का शिकार होते हैं। अद्वितीय ने बड़ा फैसला लिया कि मकान की तलाश कर रहे लोगों की क्यों न मदद की जाए। फैसले को अमलीजामा पहनाने के लिए अद्वितीय ने अपने दोस्तों की मदद ली।
हाउसिंग डॉट कॉम को सफल बनाने के बाद अद्वितीय शर्मा को एक नया आइडिया चाहिये था। लिहाजा वो हाउसिंग डॉट काम छोड़कर लंबी छुट्टी पर गए और जब वापस लौटे तो एक नए जीनियस आइडिया के साथ। उन्हें यह आइडिया देश में एजुकेशन की स्थिति को देखकर मिला। अद्वितीय ने जीनियस टीचर नाम से नया स्टार्टअप शुरू किया। जो टेक्नालॉजी के जरिए आज देशभर में बच्चों की क्षमता के मुताबिक पाठ्यक्रम और होम ट्यूटर उपलब्ध कराता है।