अब लाइनमैन ही नहीं, लाइन वुमेन भी बिजली के ऊंचे खंभों में चढ़कर सुधारेंगी फॉल्ट
मध्यप्रदेश के उज्जैन में पहली बार महिलाओं को दिया गया बिजली की लाइन सुधारने का जोखिम भरा काम
अभी तक आपने लाइनमैन के रूप में सिर्फ पुरुषों को ही बिजली के ऊंचे खंभों में रस्सी के सहारे लटककर फॉल्ट सुधारने का जोखिमभरा काम करते देखा होगा,क्योंकि हवा में हाई वोल्टेज तारों से खेलना कोई आसान काम नहीं है.मगर मध्यप्रदेश के उज्जैन में अब पांच साहसी महिलाएं इस मिथक को तोड़कर समाज के प्रति उनकी सोच को बदलने जा रही हैं और इस बेहद कठिन और चुनौतीभरे काम को भी अपने हौंसले के बूते बखूबी अंजाम दे रही हैं.
पहले फेज में 19 लड़कियों की नियुक्ति
दरअसल मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने बिजली ने लाइनों में फॉल्ट सुधारने से लेकर कई दूसरे कामों के लिए महिलाओं की भर्ती की है.पहले चरण में 19 युवतियों को लाइन स्टाफ में नियुक्ति दी है.15 दिन के विशेष प्रशिक्षण के बाद इन्हें अलग-अलग जोन व वितरण केंद्रों में तैनात किया गया है.इन सभी लाइन परिचारिकाओं सुरक्षा के लिहाज से खास तौर पर ट्रेन्ड किया गया है.
कंपनी के प्रबंध निदेशक आकाश त्रिपाठी के मुताबिक,हमने सोंचा क्यों न कोई नया प्रयोग किया जाए.युवतियों ने भी इसमें रुचि दिखाई.लाइन परिचारिका(एलए) की परीक्षा दी और सिलेक्ट हुईं.इसके बाद उन्हें फिजिकल टेस्ट भी देना पड़ा.जिसके बाद फर्स्ट फेज में कुल 19 युवतियों को चुना गया.
करने होंगे ये काम
विद्युत लाइनों को ठीक करना
शिकायत पर फॉल्ट सुधारना
ट्रांसफार्मर आदि का मेंटनेंस करना
खंभे पर चढ़कर जंपर ठीक करना
पहले यह काम थोड़ा कठिन लगा,लेकिन मौका सामने था और अपने पैरों पर खड़े होकर परिवार की आर्थिक मदद करना था.लिहाजा चुनौती स्वीकार की.फिर सब आसान लगने लगा.
(अंकिता पटेल, बैतूल)
आज महिलाओं हर क्षेत्र में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही हैं,फिर हम बिजली लाइन से जुड़ा ये काम क्यों नहीं कर सकते.काम में थोड़ा जोखिम तो उठाना ही पड़ता है.जो भी जिम्मेदारी हमें दी जाएगी उसे पूरी मेहनत और लगन से पूरा करेंगे.
(किरण आर्या, छिंदवाड़ा)
मन में ठान लो तो कोई काम मुश्किल नहीं है.काम में जोखिम तो है लेकिन सही ट्रेनिंग और सावधानी से काम करेंगे तो कोई परेशानी नहीं आएगी.
(मोना कतिया, करेली)
खंभे पर चढ़कर लाइन सुधारने का काम महिलाएं भी कर सकती हैं,ये पहले कोई सोच भी नहीं सकता था.पहले हमें भी ये काम थोड़ा चुनौतीपूर्ण लगा लेकिन ट्रेनिंग के बाद सब सामान्य हो गया.
ldkiya bo hr kam kr skti h jo ldk kr rh h pr ldkiya bo sb kam bhi krti h jo ldk kbhi bhi nhi kr skt. nari shkti sb s bdi shki hoti h koi bhi esko km na annke
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