भगवान ने हर इंसान को किसी न किसी एक खूबी से नवाजा है। मगर कुछ ही लोग ऐसे होते हैं जो अपनी खूबी को तराशने का जुनून पालते हैं और फिर अपने हुनर के जादू से पूरी दुनिया को अपना कायल बना लेते हैं। ऐसा ही एक किरदार है सुहानी शाह का, जिसे दुनिया आज भारत की पहली महिला मैजिशियन के नाम से जानती है।
परिवार का साथ मिला तो सुहानी का आत्मविश्वास भी बढ़ा।सुहानी के माता-पिता ने उनके मैजिशियन बनने में बहुत मदद की। सबसे पहले उन्होंने स्टेज का समान लाकर सेट बनवाया और सुहानी की मदद के लिए कुछ असिस्टेंट भी रखे। 6 महीने के अभ्यास के बाद महज 7 साल की उम्र में सुहानी ने 22 अक्टूबर 1997 को पहला मैजिक शो अहमदाबाद में आयोजित किया और उसके मुख्य अतिथि गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री शकर सिंंह वाघेला रहे। सुहानी के पहले शो ने ही उन्हें काफी मशहूर बना दिया और इसी के साथ देश को मिली पहली महिला जादूगर। इस शो की सफलता के बाद सुहानी ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। यहां तक कि हर दिन कुछ नया सीखने के जुनून में सुहानी को अपना स्कूल तक छोड़ना पड़ा और पढ़ाई भी बंद करनी पड़ी।सुहानी की पढ़ाई छोड़ने को लेकर लोगों ने उसके माता-पिता और उसे भी बहुत कुछ कहा। मगर सुहानी ने हार नहीं मानी और रिहर्सल जारी रखी। सुहानी बताती हैं कि मैंने सबसे पहले आंख में पट्टी बांधकर पढ़ना सीखा था,जो उनकी पहली ट्रिक भी थी।सुहानी पिछले 19 सालों से लगातार देश-विदेश में मैजिक शो कर रही हैं। इसके अलावा कई सेमिनार में वो बतौर मुख्य वक्ता शामिल होती रहती हैं। उन्होंने मैजिशियन बनने के लिए खुद ही कई तरह की ट्रिक इजाद की। सुहानी पल भर में ही स्टेज से लड़की को गायब कर देती हैं। उनके शो के दौरान सबसे ज्यादा आकर्षण का केंद्र रैम्प वॉक होता है,जिसमें मॉडल के कपड़े पल भर में ही चलते-चलते बदल जाते हैं।